देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय वाक्य
उच्चारण: [ devipersaad chettopaadheyaay ]
उदाहरण वाक्य
- देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय भारतीय दर्शन के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान थे।
- देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय से लेकर के.
- जो लोग कहते हैं जादू-टोने का आधार अज्ञान है उन्हें देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय का कथन याद रखना चाहिए।
- आप अमृत डांगे, देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय, दामोदर धर्मानंद कोसांबी आदि विद्वानों और इतिहासकारों की पुस्तकें पढ़ सकते हैं।
- दर्शनशास्त्र पर देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय की लिखी हुई श्रंखला को सेज प्रकाशन ने सजिल्द छापा है पर उसका कुल मूल्य 30 हजार रुपए रखा है।
- देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय अपनी प्रसिद्ध पुस्तक लोकायत में लिखते हैं कि कोई ब्राह्मण कश्यप गोत्र का है और यह नाम कछुए अथवा कच्छप से बना है।
- ३. श्री देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय का तर्क कि शाक्य जनजातीय थे, बिना ठोस तथ्य के स्वीकार योग्य नहीं है, किन्तु ब्राम्हण नहीं है ।
- भारतीय संस्कृति के ख्यात अध्येता देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय लोकायत में लिखते हैं कि वैदिक संहिताओं के नाम पशुओं के नामों पर हैं जैसे आश्वलायन, माण्डुकायन, लांगुलिक और शार्दूलीय।
- भारतीय संस्कृति के ख्यात अध्येता देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय लोकायत में लिखते हैं कि वैदिक संहिताओं के नाम पशुओं के नामों पर हैं जैसे आश्वलायन, माण्डुकायन, लांगुलिक और शार्दूलीय ।
- देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने लिखा है ‘‘ स्वयं को स्त्री रूप में परिवर्तित करने का सतत प्रयत्न या अपने अंदर सुप्त नारीत्व को जाग्रत करने का युक्तिसंगत उद्देश्य (चाहे वह कितना ही विचित्र हो) यह था कि प्रकृति की उत्पादन संबंधी गतिविधि को क्रियाशील बनाने के लिए सर्वोच्च महत्व के इन कामों को पूरा किया जाए।
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